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है सहरा में प्यासा



है सहरा में प्यासा नई बात है क्या
वो रस्ता भी भूला नई बात है क्या

बिछड़ वो गया कारवाँ से अचानक
मुक़द्दर भी खोटा नई बात है क्या

वो आए झुकाकर के पलकों को ऐसे
हैं जागी तमन्ना नई बात है क्या

ग़मों में ख़ुशी में दुखों में सुखों में
सभी को है जीना नई बात है क्या

सभी ज़िन्दगी के सफ़र में अकेले
सभी को गवारा नई बात है क्या

हमेशा मैं जीता हूँ जीवन में लेकिन
मुहब्बत में हारा नई बात है क्या

सभी सामने हैं ग़ज़ल कह रहा हूँ
मगर हूँ अकेला नई बात है क्या

न तेरा न मेरा है 'आनन्द' लेकिन
है आग़ाज़ सबका नई बात है क्या

आनन्द किशोर

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9 Comments

Shilpa modi

05-May-2021 07:49 PM

बहुत सुंंदर

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Abhishek sharma

10-Feb-2021 02:39 PM

एक mature राइटिंग स्टाइल है आपका काफी अच्छा लिखा अपने ,

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आनन्द किशोर

22-Feb-2021 11:31 AM

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

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Bushra Maryam

08-Feb-2021 05:14 PM

👍

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आनन्द किशोर

22-Feb-2021 11:32 AM

हार्दिक धन्यवाद आदरणीया

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